
अलम खान
विशाल अहमद कैफ़ी
आयुर्वेद डॉक्टर कर रहा था एलोपैथी पद्धति से इलाज
11 वर्षीय किशोर की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने क्लीनिक को किया सील
कोंच में वात्सल्य क्लिनिक पर कार्रवाई करते एसीएमओ व नायब तहसीलदार
क्लिनिक का मुख्य गेट सील करती जांच टीम
जालौन,कोंच। कोंच नगर में वात्सल्य क्लिनिक में डॉक्टर की लापरवाही से 11 वर्षीय किशोर की मौत के मामले में सोमवार को स्वास्थ्य और प्रशासन ने एक्शन लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है। यह कदम तब उठाया गया जब आपके अपने लोकप्रिय समाचार पत्र हिन्दुस्तान ने 20 एवं 21 जुलाई को इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसके बाद स्वास्थ्य एवं प्रशासन ने एक्शन लेते हुए क्लिनिक को सील कर दिया।
सोमवार को दोपहर सीएमओ डॉ. नरेंद्र देव शर्मा के निर्देश पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद भूषण एवं प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार सादुल्ला खान के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई। टीम ने कोंच नगर स्थित वात्सल्य क्लीनिक पर छापेमारी की, जहां डॉक्टर उपेंद्र निरंजन द्वारा इलाज किया जा रहा था। जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि उपेंद्र निरंजन आयुर्वेद चिकित्सक होने के बावजूद क्लीनिक में एलोपैथिक पद्धति से इलाज कर रहे थे। साथ ही, क्लीनिक में भारी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां भी पाई गईं।टीम में कोंच सीएचसी के चिकित्साधीक्षक डा अनिल कुमार और अन्य स्वास्थ्य अधिकारी शामिल थे। टीम ने मृतक किशोर विवेक के माता-पिता, रामू और भारती, की उपस्थिति में क्लीनिक के भीतर पहुंचकर गहन जांच की। इस दौरान कई गंभीर खामियां सामने आईं। अनियमितता पाए जाने पर टीम ने क्लीनिक को तत्काल सील कर दिया। लेकिन डा उपेंद्र निरंजन मौके से फरार मिले और जांच के समय क्लीनिक पर मौजूद नहीं थे।
इंसेट
विवेक की मौत से मचा था हड़कंप
कोंच। 14 जुलाई को कोंच के मोहल्ला गांधी नगर निवासी रामू का 11 वर्षीय बेटा विवेक अचानक बीमार हो गया था। परिजन उसे लेकर रामकुंड पटेल नगर स्थित वात्सल्य क्लीनिक पहुंचे थे। वहां डॉक्टर उपेंद्र ने जांच के विवेक को ड्रिप और इंजेक्शन लगा दिए और उसे घर भेज दिया। लेकिन रात में विवेक की हालत और बिगड़ गई। उसके मुंह से झाग निकलने लगा।
परिजन उसे फिर से डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन डॉक्टर ने घर का दरवाजा नहीं खोला। विवेक को रात्रि में ही आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोंच ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले में जब परिजन ने 15 जुलाई को पुलिस में शिकायत की, तो पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। बाद में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि मौत का कारण श्वास नली में तरल पदार्थ का फंस जाना दम घुटना (Aspiration Asphyxia) था। सोमवार सुबह जांच टीम को कोंच भेजा गया, जिसके बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई हुई।
इंसेट
डॉक्टर के खिलाफ होगी कठोर कार्रवाई
कोंच।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र देव शर्मा ने कहा कि “जांच टीम को कोंच भेजा गया था। टीम ने मौके पर क्लीनिक को सील कर दिया है। डॉक्टर उपेंद्र निरंजन के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और आगे विधिक कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इंसेट
क्लीनिक में कई बड़े नेताओं की लगी थी फोटो
कोंच। वात्सल्य क्लिनिक में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन द्वारा की गई बड़ी कार्रवाई में एक बात साफ हो गई। आयुर्वेद पद्धति से डिग्री हासिल करने वाले डा उपेन्द्र निरंजन एलोपैथिक चिकित्सा से मरीजों का उपचार कर रहे थे जिसकी वजह भी सामने आई कि उनके क्लिनिक में कई सफेदपोश बड़े नेताओं की फोटो लगी थी। जिनमें वे उनके साथ नजर आए।