
ओएसडी पर कार्रवाई की मांग, लिपिक अतुल सोनकर के समर्थन में उतरे कर्मी
पंकज दुबे
कानपुर। बर्रा क्षेत्र में एक मकान की रजिस्ट्री से जुड़े विवाद में केडीए के लिपिक अतुल सोनकर के निलंबन ने मंगलवार को प्राधिकरण कार्यालय में आक्रोश की चिंगारी भड़का दी। कर्मचारियों ने एकजुट होकर कार्य बहिष्कार कर दिया और परिसर में जोरदार नारेबाजी करते हुए वीसी कार्यालय का घेराव किया।
कर्मचारियों का आरोप है कि रजिस्ट्री प्रकरण में मुख्य दोषी प्राधिकरण के ओएसडी अजय कुमार हैं, लेकिन उन्हें बचाते हुए सिर्फ लिपिक अतुल सोनकर को बलि का बकरा बना दिया गया। बताया गया कि अतुल सोनकर ने रजिस्ट्री की फाइल छह माह तक रोके रखी, जिस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया।
विरोध कर रहे कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यह कार्रवाई निचले स्तर के कर्मचारियों को निशाना बनाने का प्रयास है, जबकि असल जिम्मेदारी ओएसडी की है। इस दौरान कर्मचारियों ने पहले निलंबित हो चुके विकास भारती का मामला भी उठाया और प्रबंधन पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
उपाध्यक्ष से मुलाकात के बाद कर्मचारी नेताओं ने दावा किया कि उन्हें अतुल सोनकर की बहाली का आश्वासन मिला है। साथ ही यह भी कहा गया कि ओएसडी अजय कुमार के खिलाफ शासन को संस्तुति भेजने की बात कही गई है।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द बहाली नहीं की गई और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।