
सुरेश नेमीवाल
जयपुर। भगवान परशुराम के जन्म दिवस के पावन अवसर पर प्रेरणादायक परशुराम : शक्ति, भक्ति और समर्पण- भगवान परशुराम जीवन-दर्शन का वितरण आज जयपुर के प्रमुख मंदिरों में श्रद्धापूर्वक वितरित किए गए। यह भगवान परशुराम के जीवन-दर्शन, धर्म-संरक्षण, तप, त्याग, शक्ति और समर्पण जैसे मूल्यों को सरल, गहन एवं प्रेरक रूप में प्रस्तुत किया गया है। यह आयोजन डॉ. वेद प्रकाश शर्मा, अध्यक्ष राजस्थान ब्राह्मण चेतन मंच के संयोजन में सम्पन्न हुआ। भगवान परशुराम जीवन-दर्शन के वितरण के लिए विशेष रूप से मालवीय नगर स्थित प्राणेश्वर नाथ मंदिर, वैशाली नगर, बनीपार्क तथा विद्याधर नगर के प्रमुख मंदिरों को चुना गया, जहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं एवं युवाओं को भगवान परशुराम जीवन-दर्शन की प्रतियां भेंट की। डॉ.वेद प्रकाश शर्मा ने इस अवसर पर कहा भगवान परशुराम ने सिखाया कि शक्ति का मूल आधार भक्ति और धर्म के प्रति समर्पण होना चाहिए यह संतुलन ही मानव जीवन का सच्चा पथ है। भगवान परशुराम न केवल एक युद्धवीर बल्कि सनातन धर्म के रक्षक, आदर्श तपस्वी और चिरंजीवी चेतना के प्रतीक हैं। अधर्मी क्षत्रियों के अत्याचार के कारण परशुराम ने कठोर संहार किया लेकिन यह न्याय और धर्म की रक्षा के लिए था न कि व्यक्तिगत क्रोध के कारण यह जीवन-दर्शन उनका युग-संदेश जनमानस तक पहुँचाने का एक विनम्र प्रयास है।”
भगवान परशुराम के जीवन दर्शन की प्रतियां शीघ्र ही राजस्थान के अन्य जिलों के मंदिरों एवं शिक्षण संस्थानों में भी वितरित की जाएगी ताकि अधिक से अधिक जनसामान्य भगवान परशुराम के आदर्श जीवन से प्रेरणा ले सकें।