
आलम खान
विशाल अहमद कैफ़ी
कोंच । रमजान मुबारक का महीना रहमतों का महीना है। इस महीने में खुदा से मांगी गईं जायज दुआएं पूरी होती है। यह अजमत, रहमत और बरकतों वाला महीना है। यह शहर काजी बशीर उद्दीन ने कही। शहर काजी ने कहा कि अल्लाह ने रमजान के महीने को तीन अशरों में तक्सीम किया है। अभी पहला अशरा चल रहा है। यह अशरा खुदा की रहमत वाला है। यह पहले रमजान से लेकर 10 रमजान तक चलता है। इस अशरे में खुदा की रहमत नाजिल होती है। जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और दोजख के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं।
शहर काजी ने कहा कि हमारे नबी ने फरमाया है कि अगर लोगों को मालूम हो जाए कि रमजान क्या चीज है तो मेरी उम्मत साल के 12 महीने रमजान होने की तमन्ना करेगी। यह इतना मुबारक महीना है। इस महीने में रोजा रखने के साथ ही नमाज और कुरान की तिलावत करना चाहिए। इस मुबारक महीने में कमजोर लोगों का भी ख्याल रखा जाए। कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। अपने गुनाहों से तौबा करनी चाहिए और दूसरों की भलाई करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।