
बुद्धों के सरंक्षण में दिया जाए बौद्ध बिहार और बौद्धगया
संजय सक्सेना
किशनी।गुरुवार को युवा बौद्ध सम्राट अशोक सेवा समिति ने उपजिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। समिति ने मांग की विश्व धरोहर स्थल महाबोधि महाविहार बौद्ध गया बिहार का प्रबन्धन पूर्णतया बौद्धों को दिया जाय।उनका कहना है कि यह स्थल दुनिया भर के गौद्धों की अस्था का बहुत बड़ा केन्द्र है तथा वर्तमान में वहां लागू बीटी एक्ट1949 जिसमें मात्र 4 बौद्ध तथा 5 गैर बौद्ध हैं। जो संविधान की प्रस्तावना व अनुच्छेद 25 व 26 का उल्लंघन करता है। ऐसे संविधान विरोधी बीटी एक्ट1949 को रद्द करके भारत की अमूल्य विश्व घरोहर महाबौद्ध महाविहार का प्रबन्धन पूर्णरूप से बौद्धों का दिया जाय। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि बीटी एक्ट1949 हमारे देश के सविधान की प्रस्तावना के विरूद्ध है। हमारे देश की प्रस्तावना में ‘हम भारत के लोग, भरत को सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतन्त्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा समस्त नागरिकों कोः सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतन्त्रता प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त करने के लिए तथा उन सब में वयक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने वाली बन्धुता बढ़ाने के लिए दृढ संकल्पित है। जिसको लेकर उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा! इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुज प्रताप सिंह शाक्य ने ज्ञापन सौंपा इस मौके पर घासीराम शाक्य मंडल अध्यक्ष एडवोकेट केपी यादव,नरेंद्र शाक्य ,एडवोकेट राहुल शाक्य,ओमवीर शाक्य एडवोकेट उदय कुमार प्रताप सिंह यादव,ओमपाल सिंह शाक्य, पुष्पेन्द्र शाक्य ,अजय शाक्य,बलराम सिंह यादव,नंदकिशोर शाक्य एडवोकेट समित सिंह शाक्य, जितेंद्र शाक्य , सुनील शाक्य, अनूप शाक्य,रूपेंद्र शाक्य,चंद्र शेखर शाक्य,देवेंद्र शाक्य अभिनाश शाक्य विनय यादव आदि लोग मौजूद रहे।
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