
सर्पमित्र डॉ आशीष ने किया सुरक्षित रेस्क्यू
( डॉ. सुशील सम्राट)
इटावा, थाना वैदपुरा क्षेत्र के अंतर्गत दोपहर लगभग एक बजे वैदपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत प्राचीन हनुमान मंदिर के पास ही रहने वाले ग्रामीण लल्ला सिंह और उनकी पत्नी राजकुमारी ने मंदिर का ताला खोलते ही एक 7 फीट लम्बे अजगर को मंदिर के अंदर हनुमान जी की मूर्ति के समीप उनके चरणों में बैठा देखा जिसे देखकर ग्रामीण दंपत्ति बेहद घबरा गए और वहां से भागकर सभी को सूचना दी। उन्होंने बताया की उस समय मंदिर के पास उनकी लगभग 8 से 10 बकरियां भी मौजूद थी जिन्हें देखकर ही ये अजगर वहां आया होगा, यदि ये समय से न पकड़ा जाता तो शायद उनकी किसी बकरी पर भी हमला कर अपना निवाला बना सकता था । तभी लल्ला सिंह ने स्थानीय ग्रामीण दुर्गेश दुबे को सूचना दी जिन्होंने जनपद इटावा के वन्यजीव विशेषज्ञ सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी को सूचना दी सूचना मिलते ही डॉ आशीष मौके पर पहुंचे तो देखा कि लगभग 7 फीट लम्बा अजगर भगवान शिव और हनुमान जी की मूर्ति के पास ही लेटा था जिसे कुछ देर बाद ही सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू कर लिया गया तब जाकर ग्रामीणों में अजगर की दहशत कम हुई। रेस्क्यू के बाद अजगर को वन विभाग बढ़पुरा रेंज इटावा ले जाकर सुरक्षित सौंप दिया गया। मौके पर मौजूद डॉ आशीष ने सभी ग्रामीणों को जानकारी देते हुए बताया कि यह पायथन मोरूलस प्रजाति का सर्प है जो कि वन्यजीव अधिनियम 1972 के तहत एक संरक्षित जीव है। इसे मारने या कोई नुकसान पहुंचाने पर वन्यजीव अधिनियम के तहत सजा और जुर्माने का प्रावधान है। डॉ आशीष ने बताया कि अजगर में जहर नही होता है यह एक विषहीन प्रजाति है लेकिन इसके काट लेने पर सफाई न होने पर गेंगरीन (गलाव) होने का खतरा होता है। मौके पर उपस्थित सभी ग्रामीणों अजगर रेस्क्यू कर सभी को भय भुक्त करने के लिए सर्पमित्र डॉ आशीष त्रिपाठी का विशेष आभार व्यक्त किया l ज्ञात हो कि जनपद में संस्था ओशन द्वारा चलाए जा रहे विशेष वन्यजीव संरक्षण और सर्पदंश जागरूकता अभियान का बड़ा असर हुआ है कि लोगों ने। वन्यजीवों को अब मारना ही छोड़ दिया है और कोई भी वन्यजीव दिखाई देने पर डॉ आशीष के सहायता नंबर 7017204213 पर सूचना देने लगे है साथ ही सर्प दंश होने पर झाड़ फूंक न कराकर सीधे उपचार हेतु जिला अस्पताल भी आने लगे है।