
पंकज दुबे
स्वतंत्र हित
कानपुर देहात के गजनेर थाना क्षेत्र के रसूलपुर गोगूमऊ गांव में युवक को गोली मारकर हत्या का प्रयास करने की सनसनीखेज घटना सामने आई है। घटना के बाद जहां पूरे इलाके में दहशत का माहौल है, वहीं पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
🔹 आरोपी खुलेआम घूम रहे, पीड़ित परिवार डरा-सहमा
युवक पर जानलेवा हमले के इस मामले में रामप्रताप, बदन सिंह और महिपाल के नाम सामने आए हैं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस जानबूझकर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही और उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है।
🔹 पुलिस पर मिलीभगत के आरोप
पीड़ित पक्ष ने गजनेर थाना पुलिस पर आरोपियों से मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जब जान से मारने की नीयत से गोली चलाई गई, तो गिरफ्तारी में देरी आखिर किस वजह से हो रही है?
🔹 थाना इंचार्ज का जवाब और नया विवाद
जब इस मामले में गजनेर थाना इंचार्ज से बात की गई, तो उन्होंने कहा, “मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, लेकिन गिरफ्तारी सबूतों के आधार पर ही होगी।”
इस बयान ने पीड़ित पक्ष की नाराजगी और बढ़ा दी है। उनका सवाल है कि “जब युवक पर गोली चलाई गई, एफआईआर दर्ज है, तो और कौन सा सबूत चाहिए?”
🔹 प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
अब तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने मौके का निरीक्षण नहीं किया है। ग्रामीणों में नाराजगी है और वह जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यदि जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई, तो गांव में विरोध-प्रदर्शन की स्थिति बन सकती है।
क्या कानपुर देहात में अब पीड़ित को इंसाफ़ भी सबूतों की राजनीति में उलझकर मिलेगा? पुलिस की निष्क्रियता और बयानबाज़ी अब कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगा रही है।