
विश्वजीत तिवारी
बलरामपुर।जिले के उतरौला उपडाकघर में 01 करोड़, 60 हजार 249 रुपये सरकारी धन के गबन का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बलरामपुर पुलिस ने इस घोटाले का सफलतापूर्वक अनावरण करते हुए तत्कालीन पोस्ट मास्टर समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के निर्देशन व अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय, क्षेत्राधिकारी उतरौला राघवेन्द्र प्रताप सिंह तथा क्षेत्राधिकारी ललिया डॉ0 जितेन्द्र कुमार के पर्यवेक्षण में थाना कोतवाली उतरौला की पुलिस टीम ने इस मामले का खुलासा किया।
क्या है मामला
दिनांक 12 जून 2025 को बलरामपुर उपमंडल डाकघर के सहायक अधीक्षक अशोक कुमार ने थाना कोतवाली उतरौला में शिकायत दर्ज कराई कि तत्कालीन पोस्ट मास्टर नरेन्द्र प्रताप ने अपने सहयोगी सुनील कुमार व अन्य के साथ मिलकर 14 दिसंबर 2023 से 9 जुलाई 2024 के बीच उपडाकघर उतरौला से एसबीआई शाखा उतरौला में नकद प्रेषण तो दर्शाया, लेकिन हकीकत में पैसा बैंक में जमा ही नहीं कराया गया।
इस तरह से उन्होंने सरकारी धन का स्थायी दुर्विनियोजन कर लिया। थाना कोतवाली उतरौला में इस संबंध में धारा 409, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत कर मामले की विवेचना की जा रही थी।
गिरफ्तारी व खुलासा
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर प्रभारी निरीक्षक अवधेश राज सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने मुखबिर की सूचना पर गोण्डा रोड नहर पुलिया भडवाजो के पास से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान-
1. नरेन्द्र प्रताप पुत्र श्री रामकुमार निवासी ग्राम रानीपुर थाना कप्तानगंज जनपद बस्ती, हालपता कृष्णा विहार कालोनी, सिविल लाइन, गोण्डा 2. सुनील कुमार पुत्र स्व0 रामतीरथ निवासी ग्राम विशुनापुर बेलभरिया, थाना खरगूपुर जनपद गोण्डा
पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा
पूछताछ में नरेन्द्र प्रताप ने बताया कि जब उसने उतरौला उपडाकघर का कार्यभार ग्रहण किया, तो वहां खजांची की नियुक्ति नहीं थी, इसलिए खजांची का कार्य पोस्ट मास्टर द्वारा ही किया जा रहा था। उपडाकघर का रिकन्साइलमेंट 2-3 साल पीछे चल रहा था, इसका लाभ उठाते हुए उसने सरकारी धन को अपने निजी लाभ के लिए गबन करने की योजना बनाई।सबसे पहले उसने 25 लाख रुपये बैंक में नकद भेजने की बजाय फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रेषण दिखा दिया। बाद में उसके सहयोगी सुनील कुमार ने भी 15 लाख रुपये इसी तरह गबन कर लिया। जब रकम में अनियमितता सामने आई, तो पोस्ट आफिस के अन्य कर्मचारियों को भी 20 लाख रुपये देकर मामला दबाने की कोशिश की। इस तरह दोनों ने मिलकर कुल 1 करोड़, 60 हजार 249 रुपये का गबन किया।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
गिरफ्तारी में थाना उतरौला पुलिस के साथ SOG/सर्विलांस टीम ने भी अहम भूमिका निभाई।थाना टीम में प्रभारी निरीक्षक अवधेश राज सिंह, उ0नि0 अनिल कुमार, कां0 राहुल त्रिवेदी, सुरेन्द्र कुमार, विमलेश सिंह व अतीश कुशवाहा शामिल रहे।जबकि SOG प्रभारी उ0नि0 राणा प्रताप सिंह के नेतृत्व में उनकी टीम में शशांक सेखर, अरविंद कुमार, शिवसागर, श्यामजी, अश्वनी सिंह, अखिलेश कुमार, दिलीप गुप्ता, शमशेर, विशाल द्विवेदी व आदर्श कुमार शामिल रहे।
पुलिस अधीक्षक ने दी बधाई
पुलिस अधीक्षक बलरामपुर श्री विकास कुमार ने इस गंभीर मामले का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने पर टीम को बधाई दी व भविष्य में भी इसी मुस्तैदी से कार्य करने के निर्देश दिए।