
क्या रैंकिंग में पहला स्थान लाने के लिए ब्लॉक के अधिकारियों को फर्जी आख्याएं लगाने को दिए गए निर्देश
अनंत सिंह राय
रायबरेली।वैसे तो अफसरशाही का नशा आजकल इस कदर हावी है कि कुछ पूछिए ही ना किसी को लहजा नहीं तो किसी को ज्ञान ब्लॉक के अधिकारियों का तो यह आलम है कि वो अपना सारा ज्ञान समस्याओं को ढंग पूर्वक समाधान करने में लगाने के बजाय कभी स्थलीय जांच के नाम पर गए लोगों को लड़वाने का कार्य करते हैं तो कभी अपनी नाकामी छुपाने के लिए उच्चाधिकारियों की आंखों में धूल छोकने पर आमादा रहते हैं ऐसा ही कुछ हाल डलमऊ ब्लॉक में है स्थितियां तो यह है कि कार्य को ध्यान देने वह सुधार करने के बजाय मानो ब्लॉक के किरदार फर्जी फोटो फर्जी आख्या लगाने में माहिर रहते हैं।
विकास कार्यों के स्थलीय जांच हेतु पहुंचा एडीओसी ग्रामीणों को भड़काया
बीते दिनों सरांय दिलावर के राजस्व गांव दरबानीहार में काफी समय से विकास की रोती हुई तस्वीर लोगों को देखा देख ना जा रहा था, तमाम बार मांग के बाद हाल ही में पुनः इंटरलॉकिंग/सीमेंटेड रोड की मांग हुई जिसका स्थलीय निरीक्षण करने एडीओसी डलमऊ पहुंचे और शांतिपूर्वक समाधान निकालने के जगह एडीओसी व उनके दो कैमरामैन मांगकर्ता के प्रति ग्रामीणों को भड़काने का पूरा जोर लगाते हुए फोटोबाजी करवाई और अपनी कार में बैठकर वापस निकले गए
अज्ञानता का परिचय देते बीडीओ बने एडीओसी डलमऊ के हितैषी
बीडीओ डलमऊ के नाक के नीचे उनके अधीनस्थ अधिकारी पूरे ब्लॉक की किरकिरी करा कर रखें हुए किसी का अभद्र लहजा, तो कोई कार्य में भारी लापरवाही, यहां तक की होती शिकायतों में शिकायतकर्ता को बेवकूफ समझ कर अपने तथाकथित योग्यता के दम पर फर्जी आख्या लगाकर फर्जी निस्तार दिखाकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। बीते दिनों दरबानीहार स्थलीय निरीक्षण के लिए पहुंचे एडीओसी डलमऊ ने बीडीओ डलमऊ को दिया अपना ज्ञान जिससे बीडीओ डलमऊ संतुष्टि जाहिर करते हुए उन्हीं की बातों में आ गए और बीडीओ डलमऊ शिकायतकर्ता को ज्ञान देने लगे शिकायतकर्ता द्वारा जब एडीओसी डलमऊ के हरकतों के बारे में बताया गया तो बीडीओ डलमऊ मानने को तैयार ही ना हुए यहां तक की ग्राउंड पर स्वयं आने की बात करें पर एडीओसी डलमऊ के हितैषी बने बीडीओ साहब कई दिन बीतने के पश्चात आज तक ग्राउंड जीरो पर ना पहुंच पांए,यूं कहें की पूर्व में खडंजा निर्माण में हुए धांधली की पोल ना खुल जाए जिसके चलते बीडीओ डलमऊ संबंधित प्रकरण में ध्यान देने की बजाए गुमराह करने पर आमादा हैं और शिकायतकर्ता की गैर मौजूदगी में स्थलीय निरीक्षण के लिए स्वयं जाने का फर्जी ही दावा करते हैं।
खाना पूर्ति करती है स्वच्छता अभियान की फोटोबाज टीम
जब ब्लॉक में बैठे अफसर ही बेलगाम हो और स्वच्छता से उनका दूर-दूर तक कोई लेना देना ना हो, तो सरकारे चाहे जितना अभियान चला दे वह धरातल पर सफल हो पाना संभव ही नहीं,बीते दिनों दरबानीहार में स्वच्छता अभियान की टीम लगी साफ सफाई के बजाय गांव को कूड़े ढेर में तब्दील कर दिया गया और बेहतरीन फोटोबाजी करते हुए सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर को लगाकर चले गए, इतना ही नहीं हाल ही में मुसलमानों का प्रमुख त्योहार भी था लंबे समय से कूड़ा का ढेर लगा होने के चलते तमाम मुस्लिम भाइयों को उसे स्वयं अपने हाथों से उठा उठाकर फेंकना पड़ा , इसके उपरांत कुछ समय पश्चात लोगों द्वारा आईजीआरएस शिकायत की जाती और शिकायत का समाधान करने के बजाय जिम्मेदार अधिकारी बिना किसी स्थलीय जांच के ब्लाक में बैठकर फर्जी फोटो और आख्या लगाकर मामले को निस्तारित कर देते हैं। तो सवाल यह खड़ा होता है की क्या जिले के संबंधित विभाग के अफसरो के निर्देशो पर शिकायतों का फर्जी निस्तारण कर दिया जाता है…? क्या प्रदेश में बेहतर रैंकिंग बनाने के लिए शिकायतों का फर्जी निस्तारण तक कर दिया जाता है…? क्या डीपीआरओ ने ब्लॉक के अधिकारियों को दे रखी है खुली छूट….?