
अनंत सिंह राय
रायबरेली।वीवीआईपी जिले में शिक्षा के मंदिरो में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही बीते दिनो उस वक्त बडा हड़कंप मच जाता है जब छात्र द्वारा विद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया जाता कि एडमिट कार्ड लेने जाने पर एडमिट कार्ड देने की एवज में उससे कुछ रूपयो की डिमांड की जाती है जिसे मना कर देने पर प्रधानाध्यापक भोला तिवारी को यह बात अच्छी नहीं लगी प्रधानाध्यापक अपने साथियों के साथ मिलकर उसे जमकर पीटा बताया जाता है कि फिर अनुसूचित जाति के छात्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ ले जाया गया और स्थितियों को देखते हुए डॉक्टर ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया घटना के संबंध में छात्र के पिता उत्तम सोनकर क्या कहना है कि प्रधानाध्यापक अपने नैतिक मूल्यों का पाठ भूलकर उगाही के लिए दलाल बनाकर अपने दायित्वो का निर्वहन करते नजर आए इतना ही नहीं छात्र की जगह किसी अन्य बच्चे को बिठाकर परीक्षा दिला दिया उसकी कॉपी निकाल कर उसकी हैंडराइटिंग की जांच की जा सकती है।
➡️सीसीटीवी मांगने पर गोल-गोल घूमाते रहे विद्यालय प्रबंधक
संबंधित मामले में जब विद्यालय प्रबंधन से बात की गई तो उनका कहना था कि छात्र का एडमिट कार्ड जी टीचर के पास था उसे खो गया था इसके बाद छात्र से कहा गया कि वह जाकर के परीक्षा दे एडमिट कार्ड उनके कमरे में पहुंच रहा है, इसके उपरांत छात्र द्वारा शिक्षक को भद्दी भद्दी गालियां देते हुए बाहर भागता है, तो गेट पर मौजूद एक व्यक्ति द्वारा छात्र को पकड़ लिया जाता है और उसे विद्यालय लाकर बैठाया गया और छात्र द्वारा कहा जाता है कि मुझे पेपर वेपर कतई नहीं देना , उन्हें सब वाक्या के बीच बताया जाता है प्रबंधक का विद्यालय में आगमन होता है तो प्रबंधक द्वारा कहा जाता है लड़के को पेपर दिलवाओ और लड़के को बाकायदा पेपर दिलवाया जाता है प्रबंधक द्वारा बाकायदा बताया जाता है की छात्र मोटरसाइकिल से विद्यालय से चलकर गया (परंतु छात्र के परिजनों की माने तो छात्र को मोटरसाइकिल चलाना नहीं आता) उसके कुछ घंटे पश्चात प्रबंधक को पता चलता है छात्र के घर वाले मिलकर FIR के लिए पहुंच गए, तो मजबूरन शिक्षक के साथ किए गए अभद्रता का एप्लीकेशन विद्यालय की ओर से भी दिलवाया गया, प्रबंधक का मानना है उन्हे दूसरे दिन जानकारी हुई कि छात्र का रास्ते में किसी लडको से लड़ाई हुई और सारा इलीगेशन विद्यालय प्रशासन पर लगा दिया गया , हालांकि संबंधित मामले में जब विद्यालय प्रबंधन से सीसीटीवी या ठोस प्रमाण मांगा गया तो विद्यालय प्रशासन तकनीकी खराबी का हवाला देकर मामले को गोल-गोल घूमते रहेंगे और किसी भी प्रकार का ठोस प्रमाण देने में असमर्थ दिखाएं, जिसे कहीं ना कहीं विद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह तो खड़ा होना लाजमी है….? और कहीं ना कहीं छात्र द्वारा लगाए जा रहे में सत्यता नजर आ रही हैं प्राप्त जानकारी के मुताबिक गुरुवार को विद्यालय में संबंधित मामले की जांच हेतु यूनिवर्सिटी से टीम भी आई पर टीम के मामले में प्रबंधक द्वारा कुछ खास जानकारी साझा करने से बचा गया.. वही जब संबंधित मामले में कोतवाल डलमऊ से बात किया गया तो कोतवाल डलमऊ मामले को गहनता से दिखवाया जा रहा है किसी के साथ गलत नहीं होने दिया जाएगा