
अश्वनी श्रीवास्तव
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में थाना भरतकूप के एक दरोगा राहुल पांडे की काली करतूतें सामने आई हैं, जिससे न केवल पुलिस महकमे की छवि पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भी गंभीर चिंता जताई जा रही है। दरोगा द्वारा एक महिला फरियादी के साथ थाने में की गई गाली-गलौज का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
वायरल ऑडियो में साफ-साफ सुनाई दे रहा है कि दरोगा राहुल पांडे न सिर्फ महिला से अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, बल्कि उसे मानसिक और शारीरिक रूप से उत्पीड़ित भी कर रहे हैं। यह घटना उस समय की है जब महिला शिकायत लेकर थाना पहुंची थी। वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा और आक्रोश फैल गया है, क्योंकि यह घटना महिला सुरक्षा के दावे को पूरी तरह से ध्वस्त कर रही है।
ऑडियो वायरल होने के बाद चित्रकूट जिले में पुलिस विभाग के खिलाफ जनता का आक्रोश चरम पर है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिस विभाग ने अपनी कार्रवाई में इतनी ढिलाई क्यों बरती है? स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस तरह के नशे में धुत पुलिसकर्मी जनता के साथ घिनौना व्यवहार करते हैं, लेकिन फिर भी उच्च अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं। यह घटना इस बात को भी उजागर करती है कि पुलिस महकमा कभी-कभी अपने जिम्मेदारियों से पलायन करता है और गलत कार्यों को बढ़ावा देता है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में झटका
उत्तर प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण और उनकी सुरक्षा को लेकर कई योजनाओं और अभियान चला रही है, लेकिन इस तरह की घटनाओं से सरकार के प्रयासों पर सवाल खड़े होते हैं। जब पुलिसकर्मी ही महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार करेंगे, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा? महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और ऐसे मामलों में प्रशासन की प्रतिक्रिया और कार्रवाई की गंभीरता पर सवाल उठने लगे हैं।
प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि अब पुलिस प्रशासन को इस मामले में सख्त और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। यह पहला मौका नहीं है जब पुलिसकर्मियों द्वारा महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक व्यवहार सामने आया हो, लेकिन इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब यह घटना थाने के भीतर घटी और उसकी रिकॉर्डिंग वायरल हो गई।
अब देखना यह है कि चित्रकूट पुलिस अधीक्षक (SP) इस मामले में किस प्रकार की कार्रवाई करते हैं। क्या वो इस मामले में तत्काल और सख्त कदम उठाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके? या फिर यह मामला भी कुछ समय बाद ठंडा पड़ जाएगा और पुलिस महकमे का रवैया वही पुराना रहेगा?
चित्रकूट के थाना भरतकूप में घटित यह घटना पुलिस विभाग के लिए एक कड़ा संदेश हो सकती है। यदि प्रशासन समय रहते इस पर कड़ा कदम नहीं उठाता, तो यह निश्चित ही पुलिस महकमे की छवि को और भी धूमिल कर देगा। अब यह सवाल बाकी है कि क्या यह घटना सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बनेगी, या यह भी अन्य घटनाओं की तरह दबी रह जाएगी।
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