
आलम खान
विशाल अहमद कैफ़ी
20 हैंडपंप है पूरे गांव में,7 दे रहे हैं पानी
13 हैंड पंपों से निकल रहा है खारा पानी , तीन हैंडपंप खराब
गांव में दो किमी दूर से साईकिल पर पानी भर कर लाता ग्रामीण
हैंडपंप पर पानी के लिए महिलाओं की लगी भीड़
कछुआ चाल में बन रही पानी की टंकी
जालौन,कोंच/पहाड़गांव। कोंच ब्लाक के पहाड़गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
13 हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। इससे गांव की लगभग सात हजार की आबादी पानी की समस्या से जूझ रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार अनदेखी कर रहे हैं। इसका खामियाजा लोगों को अधिक दूरी से पानी जुटाकर भुगतना पड़ रहा है।गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा है। भीषण गर्मी में लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। इससे ग्रामीणों में गुस्सा है।
पहाड़ गांव की सात हजार आबादी की प्यास कैसे बुझेगी इससे सभी जिम्मेदार बेखबर है।काफी अर्से पूर्व गांव में ओवरहेड टैंक बनवाया गया था जो अब एक तिहाई लोगों को पानी दे रहा है। पुरानी टंकी से होने वाली जलापूर्ति में फूटी-टूटी लाइन बाधा बनी है। इससे आधा गांव प्यासा है।पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है। गर्मी बढ़ने से ग्रामीण पेयजल जैसी मूलभूत समस्या से जूझने लगे हैं। कहने को पहाडग़ांव में 20 सरकारी हैंडपं है लेकिन इनमें से एक तिहाई यानी सात हैंडपंप खराब हैं।
केन्द्र सरकार की बहुप्रतीक्षित महत्वाकांक्षी हर घर नल जल योजना कोंच तहसील क्षेत्र में दम तोड़ती नजर आ रही है. योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है.एक वर्ष पूर्व तहसील क्षेत्र के ग्राम पहाड़ गांव में पानी की टँकी तो बना दी गई लेकिन अब तक उनमें पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है. गांव में यह टंकी महज शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. इससे गर्मी की दस्तक के साथ ही ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है पानी की टंकी बना हाथी का दांत, न पाइप, न पानी स्थानीय ग्रामीण हरदास नेता बड़े परिहार, संगीता देवी,समेत अन्य ने बताया कि गर्मी में उन्हें इधर-उधर भटककर पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है.पाइप लाइन से एक बूंद पानी न मिल पाने के कारण उनकी उम्मीदें टूट चुकी हैं. क्षेत्र में जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है, जिससे गांव में लगे हैंडपंप भी जवाब देने लगे हैं. कुछ हैंडपंप तो खारा पानी देते है जो पाइन योग्य नही है ऐसे में लोगों के समक्ष गंभीर जल संकट खड़ा हो गया है. ग्राम प्रधान कपिलदेव ने जतायी नाराजगी उन्होंने भी विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पाइप लाइन व टँकी के निर्माण निर्माण के एक वर्ष बीत गया हमारे द्वारा पेयजल आपूर्ति शुरू कराने की मांग कई बार की गयी, लेकिन संबंधित आधिकारियों ने अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया है. उन्होंने कहा कि यह योजना कागज पर तो सफल है, लेकिन जमीन पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. विभागीय उदासीनता के कारण ग्रामीणों को गर्मी के मौसम में पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है ग्रामीण बड़े परिहार ने बताया कि इस समय गांव में जो पुरानी टँकी स्थापित हैं उससे कुछ इलाकों में पानी मिल रहा हैं हरदास ने बताया कि पहले जैसी समस्या आज भी है. हैंडपंप के पानी से गुजारा होता है. जहां हैंडपंप नहीं है वहां आज भी महिलाएं पुरुष कोसो दूर से पानी भरते रहते हैं. गांव में नई बनी पानी की टंकी अधूरी बनी पड़ी है. गांव में करीब सात हजार की आबादी है।
क्या बोलीं जिम्मेदार
तहसील अन्तर्गत आने वाले ग्राम पहाड़ाव में पेयजल संकट को दूर करने के लिए तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी।नमामि गंगे विभाग के जेई को पानी संकट दूर करने को कहा जाएगा।
ज्योति सिंह
एसडीएम कोंच