Breaking News
July 14, 2025 3:15 am
News
खाटूश्यामजी में एमपी से दर्शन को आए श्रद्धालुओं से मारपीट,कानपुर: पति की मौत के बाद अवसाद में थी महिला, पानी की टंकी से कूदकर दी जानमानवता की मिसाल है सिपाही राजवीर सिंह यादवस्वागत सत्कार के लिए सदैव नगर वासियों की ऋणी रहूंगी:इमरोज़,शहर आगमन की कहानी इमरोज़ की जुबानीमधुपुर में दूसरे दिन भी अवैध कब्जों पर चला प्रशासन का बुलडोजर,विद्यालय बंदी व शिक्षकों की समस्याओं को लेकर शिक्षकों का विरोध तेज, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापनआगरा एक्सप्रेस-वे पर फिर दिखा तेज़ रफ़्तार का कहर,बलरामपुर में चोरी-नकबजनी गैंग का भंडाफोड़, सोनार समेत तीन गिरफ्तार, भारी मात्रा में सोने-चाँदी के जेवरात बरामदबलरामपुर: उपडाकघर उतरौला में 1 करोड़ से अधिक सरकारी धन का गबन, पोस्ट मास्टर समेत दो गिरफ्तार।एक्सपायरी डेट दवा मामले की जांच करने पहुंची टीम, एसडीएम को सौंपेगी रिपोर्ट 

विद्यालय बंदी व शिक्षकों की समस्याओं को लेकर शिक्षकों का विरोध तेज, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

राजेन्द्र तिवारी 

 उन्नाव । उत्तर प्रदेश में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के पेयरिंग और मर्जर की प्रक्रिया को लेकर शिक्षकों में तीव्र नाराजगी है। शिक्षकों ने इस निर्णय को छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बताते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर इसे तत्काल प्रभाव से रोकने की मांग की है।

बता दे कि जिला अध्यक्ष सुजीत पांडेय ने बताया कि शासन के निर्देश पर 150 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक और 100 से कम छात्र संख्या वाले उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद किया जा रहा है। इससे हजारों प्रधानाध्यापकों को सरप्लस घोषित किया गया है और हजारों रसोइयों की सेवा भी समाप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि 30 जून को प्रदेश के सभी 822 ब्लॉकों में शिक्षकों, अभिभावकों और ग्राम प्रधानों की संयुक्त बैठकों में इस निर्णय का विरोध किया गया और प्रस्ताव पारित कर विद्यालय बंदी रोकने की मांग की गई। ज्ञापन में शिक्षकों की 10 प्रमुख मांगें रखी गई हैं, जिनमें 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन बहाली, विद्यालयों का मर्जर रोकना, सभी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति, कैशलेस इलाज सुविधा, चयन वेतनमान, सभी प्रकार के अवकाश की सुविधा, ग्रीष्मकालीन सत्र में समय निर्धारण, बीएलओ ड्यूटी से मुक्ति, आकांक्षी जनपदों में स्थानांतरण और मृतक शिक्षकों के योग्य आश्रितों को नियुक्ति देकर प्रशिक्षण की सुविधा शामिल हैं। शिक्षकों का कहना है कि बार-बार ज्ञापन देने और धरना प्रदर्शन करने के बावजूद सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है। अब जब विद्यालय बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो यह न केवल शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित करेगा, बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका भी संकट में आ जाएगी। शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो पूरे प्रदेश में आंदोलन तेज किया जाएगा।

  • Related Posts

    कानपुर: पति की मौत के बाद अवसाद में थी महिला, पानी की टंकी से कूदकर दी जान

    पंकज दुबे  कानपुर। थाना काकादेव क्षेत्र के शास्त्रीनगर इलाके में बुधवार को एक महिला द्वारा आत्महत्या करने की सनसनीखेज घटना सामने आई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, महिला शास्त्रीनगर स्थित पानी…

    मानवता की मिसाल है सिपाही राजवीर सिंह यादव

    स्वतंत्र हित कानपुर । जब से पुलिस कमिश्नर ने अपराध को जड़ से उखाड़ फेंकने की मुहिम चलाई है डर कर अपराधी किस्म के लोग शहर में आम आदमी की…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *