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कानपुर आजादी के 78 साल बाद इस गांव में मिली पहली सरकारी नौकरी

शालिनी ने आजादी के बाद पहली नौकरी पाकर गांव का नाम किया रोशन

जहां एक तरफ यूपी के एक गांव में अनगिनत आईएएस आईपीएस अधिकारी बने हैं वहीं कानपुर के चिरान गांव में पहली नौकरी है।

विपिन सागर 

कानपुर । बिठूर विधानसभा में स्थित चिरांन गांव की शालिनी ने आजादी के अमृत महोत्सव के बाद 78 साल में सरकारी नौकरी पाकर गांव का नाम रोशन कर दिया। शालिनी, 2003 में जन्मी हैं, गांव में रहकर ही अपनी पढ़ाई पूरी की है। शालिनी की उम्र 20 वर्ष है, अपनी मेहनत और लगन से पढ़ाई कर यूपी पुलिस परीक्षा में कानपुर में 17वीं रैंक लाकर गांव का नाम रोशन कर दिया शालिनी ने बताया 10वी परीक्षा 2018 72% अंकों के साथ और इंटरमीडिएट 73% के साथ पास किया। वहीं अपनी स्नातक की पढ़ाई में भी 70% अंक पाकर उत्तीर्ण किया है। जिसके बाद शालिनी ने सरकारी नौकरी के करने की ठानी थी। ऐसे में जहां आजादी के 78 वर्ष बाद भी गांव में एक भी व्यक्ति सरकारी नौकरी में नहीं लगा हो। ऐसी जगह सरकारी नौकरी की सोचना ही बड़ी बात है,मेहनत और लगन के साथ शालिनी ने हाल ही में पुलिस परीक्षा परिणाम में 236 नंबर लाकर अपना परचम लहरा दिया। इसके बाद चिरान गांव बिठूर की पहली बेटी आजादी के बाद सरकारी नौकरी में चयनित हो गई। शालिनी ने बताया पढ़ने का जरिया बहुत ज्यादा नहीं था, मोबाइल का सहारा लेकर पढ़ाई की और गांव का नाम रोशन कर दिया। शालिनी के पिता कपड़े सिलाई का कार्य करते हैं जिन्होंने दिन-रात मेहनत करके अपने चार बच्चों को शिक्षा देने का कार्य किया, शालिनी सबसे बड़ी बेटी है, छोटी बेटी और दो बेटे भी पढ़ाई कर रहे हैं। शालिनी के हौसले के बाद भाई और बहन भी सरकारी नौकरी करने की चाह में हैं।

शालिनी की मां के छलके आंसू

शालिनी की मां शिव देवी की बेटी का चयन पुलिस में होने के बाद खुशी से आंखें झलक गई और बेटी को गले से लगा लिया मां शिव देवी ने बताया की बेटी की पढ़ाई के दौरान तमाम लोगों ने तंच्च कसे, कहा कि ज्यादा पढ़ा कर क्या करोगी, जल्दी से बेटी की शादी कर उसकी विदाई कर दो, लेकिन मां शिव देवी ने हार नहीं मानी और पति राम कुमार के सहयोग से बेटी को पढ़ाती गई। जिसके बाद बेटी ने उत्तर प्रदेश पुलिस में चयनित होने के बाद मां का मान बड़ा दिया।

मोबाइल से की पढ़ाई ओबीसी के होने के बाद भी जनरल रैंक में पाई नौकरी

पढ़ाई का जरिया केवल मोबाइल था। शालिनी ने वह कर दिखाया जिससे लोग सोचते हैं, बच्चे बिगड़ रहे हैं। दिन-रात की मेहनत से मोबाइल से पढ़ाई कर यूपी पुलिस परीक्षा में 236 नंबर लाकर कानपुर में 17 सी रैंक हासिल करने वाली शालिनी ने जनरल कैटेगरी में स्थान प्राप्त किया है।

क्या बोले ग्रामीण
ग्रामीण शिवम कुशवाहा ने कहा आजादी के बाद हमारे गांव में कोई महिला पुरुष में सरकारी नौकरी नहीं लगा। ये पहली बार हुआ है जब शालिनी ने सरकारी नौकरी पाकर हमारे गांव का मान बढ़ाया है।

 

गर्व की बात है विधायक अभिजीत सिंह सांगा

बिठूर विधानसभा के विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने कहा यह मेरे और मेरी सरकार के लिए गर्व की बात है। कि आजादी के बाद किसी गांव में पहली सरकारी नौकरी है, और वह भी एक बेटी दे द्वारा यह कर दिखाया। विधायक ने कहा भाजपा सरकार में सब कुछ मुमकिन है। साथ में यह भी कहा कि गांव जाकर बेटी और उसके परिवार को सम्मानित करेंगे।

पूर्वांचल का यह गांव है अधिकारियों का

जौनपुर के माधव पट्टी गांव में 75 परिवार रहते हैं। जिसमें लगभग 40 से अधिक आईएएस आईपीएस पीसीएस और अन्य अधिकारी हैं। और कानपुर के चिरान गांव में आजादी के 78 सालों बाद शालिनी ने पहली सरकारी नौकरी पाकर गांव का नाम रोशन कर दिया।

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